गौरेला पेंड्रा मरवाही । लवकेश सिंह दीक्षित। ग्राम पंचायत परासी की धान मंडी में 20 लाख रुपये की लागत से बन रही बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य अनियमितताओं और गुणवत्ताहीनता की भेंट चढ़ गया है। इस वॉल का उद्देश्य धान को चोरी और मवेशियों से होने वाले नुकसान से बचाना था, लेकिन निर्माण में हो रही मनमानी और घटिया गुणवत्ता यह साफ है बाउंड्री वॉल ज्यादा दिन नहीं रहेगी और सरकार और किसान को नुकसान होगा परंतु विभाग को इससे कोई मतलब ही नहीं है ग्राम पंचायत निवासी एवं सरपंच ने कहा है कि ठेकेदार कार्य में पारदर्शिता नहीं बरत रहा। जब उनसे शेड्यूल या एस्टीमेट मांगा जाता है, तो वे कहते हैं, “अधिकारी देंगे एस्टीमेट,” और जवाब देने से कतराते हैं। विभागीय अधिकारी भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं और फोन उठाने से बच रहे हैं।
परासी धान मंडी में बाउंड्री वॉल निर्माण में घोटाला: अधिकारी बने मूकदर्शक https://targetofchhattisgarh.com/boundary-wall-scam-in-parasi/
यहाँ तक कि उच्च अधिकारी भी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। ठेकेदार का तर्क है, एस्टीमेट जानकर क्या करोगे? ठेकेदार यह बोलकर सूचना के अधिकार का भी उल्लंघन कर रहे हैं ऐसी स्थिति को देखते हुए साफ दिख रहा है ठेकेदार और अधिकारियों की मिली भगत है। नहीं तो इतनी शिकायतों के बाद भी उन पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है किसानो का कहना है कि शासन की योजनाएं उनकी मेहनत को संरक्षित करने और आर्थिक उन्नति के लिए बनाई जाती हैं, लेकिन गुणवत्ताहीन निर्माण और लापरवाही के कारण वे लाभ से वंचित रह जाते हैं। परासी धान मंडी में बन रही यह बाउंड्री वॉल, जो धान को चोरी और मवेशियों से बचाने के लिए थी, अब घटिया सामग्री और मनमाने ढंग से हो रहे काम की वजह से बेकार साबित हो रही है। ग्रामीण स्तर में है इसलिए पता नहीं चल पाता है परंतु शासन-प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा लाखों का खेल है।