
जानकारी के अनुसार, परासी के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला की जर्जर और पुरानी इमारत में बच्चों को पढ़ने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। जर्जर और पुरानी इमारत में पढ़ाई करने वाले बच्चों की समस्याओं को देखते हुए विधायक निधि से नए भवन के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। लेकिन निर्माण कार्य शुरू होने के बजाय पुरानी इमारत को कुछ माह पहले तोड़ दिया गया और तब से कोई प्रगति नहीं हुई है। न तो लेआउट तैयार किया गया है और न ही कोई अन्य कार्य शुरू हुआ है।

16 जून से स्कूल शुरू होने वाले हैं, लेकिन छठवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों के लिए बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने ठेकेदार, विभागीय अधिकारियों और ग्राम पंचायत सचिव पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि बिना कार्य शुरू किए राशि आहरित करना भ्रष्टाचार को दर्शाता है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस मामले की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि स्कूल निर्माण कार्य जल्द शुरू हो और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।