मिलावट का खेल साल भर चलता है पर लोगों को याद सिर्फ त्योहारों पर आता हैं 

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बिलासपुर । दीपावली और अन्य त्योहारों का मौसम आते ही पूरा शहर मिठाइयों, दूध, पनीर और आटे की खरीदारी में जुट जाता है। लेकिन इससे जुड़ी एक कड़वी सच्चाई यह है कि लोगों को सबसे ज़्यादा मिलावटी सामान इन्हीं दिनों में मिलता है। हर साल खाद्य विभाग द्वारा छापेमारी के बावजूद शहर में मिलावटखोरी पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है।

स्थानीय दुकानों में खुलेआम नकली दूध, पनीर और मिठाइयाँ बिकती हैं। उपभोक्ता स्वाद और परंपरा के मोह में इन्हें खरीदते भी हैं, लेकिन जाँच रिपोर्ट के अनुसार, इन्हीं उत्पादों में मिलावट और रासायनिक तत्वों की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है। त्योहारों के बाद सालभर यही लोग बीमारियों से जूझते रहते हैं — कभी पेट दर्द, कभी संक्रमण तो कभी लंबे समय की एलर्जी।

खाद्य विभाग के जांच भी सवाल के घेरे में 

सरकार द्वारा बनाया गया एक विभाग है खाद्य विभाग जिसे मिलावटी और अवैध कारोबार रोक अंकुश लगाना चाहिए परंतु विभाग का सुस्त रवैया जिससे मिलावट जोरों पर है।

लोगों की यह बड़ी समस्या है साल भर तक मिलावटी खाते हैं और इन्हें याद सिर्फ त्योहारों के समय आता है इसमें मिलावटी भी होती है ।

विशेषज्ञों का कहना है कि मिलावट की पहचान करना आसान नहीं है, फिर भी नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए। घर पर बनी मिठाइयों को प्राथमिकता देने और भरोसेमंद विक्रेताओं से ही सामग्री खरीदने की सलाह दी जाती है।

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