Teachers day : बिलासपुर जिले के ग्राम सेमरताल स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। चंदैनी गोंदा सभागार में हुए इस कार्यक्रम में सेवानिवृत्त शिक्षकों से लेकर नवांकुर शिक्षकों तक को सम्मानित किया गया। विशेषता यह रही कि जिन शिक्षकों ने तीन-तीन पीढ़ियों को शिक्षा दी, आज उनकी चौथी पीढ़ी भी शिक्षक बनकर समाज को ज्ञान दे रही है। समारोह में शिक्षा, साहित्य और समाज के विभिन्न क्षेत्रों से आए अतिथियों ने शिक्षकों के योगदान को सराहा और विद्यालय के विकास के लिए सहयोग की घोषणाएं भी कीं।
बिलासपुर/सेमरताल । शासकीय उच्चतर माध्यमिक विघालय सेमरताल के चंदैनी गोंदा सभागार में शिक्षक सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। ग्राम स्तर के इस आयोजन की भव्यता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि इस कार्यक्रम में नवांकुर शिक्षकों के साथ ही ऐसे सेवानिवृत्त शिक्षकों को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने तीन तीन पीढ़ियों को शिक्षा प्रदान की है। इतना ही नहीं आज उन्हीं शिक्षकों के बच्चे शिक्षक बनकर चैंथी पीढ़ी को भी पढा रहे हैं। सेवानिवृत शिक्षक व सियनहा मंच के संस्थापक रामकुमार वर्मा ऐसे ही शिक्षक हैं, जिनके तीन भाईयों ने शिक्षकीय कार्य किया। वही आज उनके आठ बच्चे प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विघालय में शिक्षकीय दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
सेमरताल में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि राजेश सूर्यवंशी, विशिष्ट अतिथि पूर्व संयुक्त संचालक शिक्षा एस. के. प्रसाद, मुख्य अभ्यागत मदन सिंह ठाकुर साहित्यकार व वरिष्ठ पत्रकार थे। मंचासीन समस्त आगंतुको ने माँ सरस्वती एवं डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र की पूजा के साथ समारोह का औपचारिक शुरुवात किया। विघालय के बच्चों ने सरस्वती एवं स्वागत वंदन का गीत प्रस्तुत किया। शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र पाण्डेय, प्राचार्य अनिल वर्मा एवं प्रबंधन समिति के सदस्य एवं आयोजन के संयोजक सतीश धीवर ने पुष्पगुच्छ भेंट कर मंचस्थ अतीथियों का स्वागत किया।
सुरेन्द्र पाण्डेय ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि आज के आयोजन में राजनीति, शिक्षा और साहित्य के क्षेत्रों से अभ्यागत आए हुए हैं। ये महासंगम है। साथ ही गाँव के सभी सेवानिवृत शिक्षकों का आगमन हुआ है, जिनका आज सम्मान कर रहे हैं। ये अवसर है, आज के शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने का। इन्होंने कहा कि हमारे क्षणिक आमंत्रण पर आप सब कार्यक्रम में उपस्थित हुए, ये बड़ी बात है। आप सबका स्वागत है।
मुख्य अतिथि राजेश सूर्यवंशी ने कहा कि शिक्षक का सम्मान हमेंशा होता है। वे कभी सेवानिवृत नहीं होते। शिक्षक अपना पूरा जीवन एक छत के नीचे सिर्फ समाज के लिए सर्वश्रेष्ठ नागरिक सर्जन करने में गुजार देता है। यही कारण है कि वे सदैव सम्मानीय है। राजेश सूर्यवंशी ने विघालय के मैंदान समतलीकरण व नाली निर्माण के लिए दस लाख रुपए प्रदान करने की घोंषणा की।
विशिष्ठ अतिथि एस. के. प्रसाद ने प्राचार्य के रुप में अपने पहले कार्य स्थल सेमरताल को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण बच्चों को बारहवीं के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उचित मार्गदर्शन और किताबों की आवश्यकता होती है। क्यों न हम सब मिलकर स्कूल में एक पुस्तकालय स्थापित करें, जहाँ इस गाँव व आसपास के प्रतिभाशाली बच्चे अच्छे से तैयारी कर सके। इस विघालय के प्राचार्य अनिल वर्मा हैं, जो कि स्थानीय है। उनके पास विघालय के लिए पर्याप्त समय भी है। आगे हम सब पुस्तकालय के लिए तैयारी करेंगे।
मुख्य अभ्यागत मदन सिंह ठाकुर ने बेहतरीन परीक्षा परिणाम के लिए कक्षा पाँचवी की शिक्षक शुभा पाण्डेय, कक्षा आठवीं के शिक्षक प्रदीप मुखर्जी, नमिता बेहार शर्मा, कक्षा दसवीं की शिक्षक शैली यादव और कक्षा बारहवीं की शिक्षक सीमा ठाकुर, रुपाली श्रीवास्तव, पदमा द्विवेदी एवं अदिति दुबे को शाल, श्रीफल, कलम भेंट कर सम्मानित किया। मदन सिंह ने स्वयं का लिखा भक्ति गीत भी प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के संयोजक सतीष धीवर ने समारोह कहा कि सभी शिक्षक विघालय में मन लगाकर अध्यापन कार्य करें और लगातार शिक्षा का स्तर बढ़ाते रहे।
प्राचार्य अनिल वर्मा ने कार्यक्रम के आयोजनकर्ता सुरेन्द्र पाण्डेय, सतीश धीवर और रामावतार यादव, समन्वयक ओमप्रकाश वर्मा को बधाई देते हुए कहा कि समाज, शासन और विघार्थियों को शिक्षकों से बड़ी अपेक्षाएं रहती है। वहीं शिक्षको के प्रति जो सम्मान का भाव होना चाहिए वह कम दिखाई देता है। सम्मान देने वाले ही सम्मान पाते हैं। ऐसे में शिक्षक सम्मान समारोह आयोजनकर्ता ने एक अच्छी शुरुवात की है।
मंचस्थ अतीथियों ने सेवानिवृत शिक्षकों रामकुमार वर्मा, रामकुमार मरकाम, अनुजराम धीवर, यदुनंदन कौशिक, पनाराम धीवर, रामकुमार मानिकपुरी, द्वासीराम धीवर, प्राचार्य अनिल वर्मा, संकुल समनयक ओमप्रकाश वर्मा, प्रधान पाठक शांति तिर्की एवं प्रधान पाठक इंदिरा कश्यप को शाल, श्रीफल, कलम भेंट कर सम्मानित किया।
तत्पश्चात सुरेन्द्र पाण्डेय, सतीश धीवर, अनिल वर्मा एवं किया। सेवानिवृत्त शिक्षकों ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विघालय के समस्त शिक्षकों का सम्मान श्रीफल, शाल और कलम भेंट कर किया। सम्मान प्राप्त करने वालों में व्याख्याता ज्योति साहू, व्यायाम शिक्षक संदीप त्रिपाठी, शिक्षक कीर्तन बंजारे, अनीता बोरकर, सहायक शिक्षक बीना ठाकुर, शशि श्रीवास्तव, नमिता मिश्रा, भूमिका साहू, राधा टंडन, सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य रवीन्द्रनाथ गहवई, पूजा लासरे, सानिया सूर्यवंशी, बलराम बासपेयी, देवशरण भार्गव शामिल थे। शिक्षक सम्मान समारोह का सफल संचालन आचार्य रवीन्द्रनाथ गहवई ने किया। आभार प्रदर्शन सुरेन्द्र पान्डेय ने किया।
