विद्युत लोको प्रशिक्षण केन्द्र: आधुनिक प्रशिक्षण से संरक्षा और दक्षता में सुधार

बिलासपुर। विद्युत लोको प्रशिक्षण केन्द्र, उसलापुर ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में आधुनिक प्रौद्योगिकी और तकनीकी समाधानों को अपनाकर कर्मचारियों की दक्षता और रेल संरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इस वित्तीय वर्ष में केन्द्र ने 5742 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया है और नए पाठ्यक्रमों तथा वेबिनार के जरिए तकनीकी और सुरक्षा के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाई है।
विद्युत लोको प्रशिक्षण केन्द्र ने वंदे भारत, डब्ल्यूएजी-12 और 3-फेज मेमू ट्रेनों के लिए विशेष अध्ययन सामग्री तैयार की है, जो प्रशिक्षुओं को वितरित की गई है। साथ ही, चालक पत्र नामक मासिक और त्रैमासिक प्रकाशन के माध्यम से चालक दल और पर्यवेक्षकों के ज्ञान में निरंतर वृद्धि की जा रही है। बोगी पार्क में डब्ल्यूएजी-7 और डब्ल्यूएजी-9 लोकोमोटिव के मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं, जिससे प्रशिक्षुओं को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो रहा है। स्मार्ट कक्षाओं की स्थापना की गई है और हॉस्टल में 20 नए कमरे जोड़े गए हैं, जिससे कुल क्षमता 300 तक बढ़ गई है। डब्ल्यूएजी-7 सिमुलेटर पहले से उपलब्ध है, और डब्ल्यूएजी-9 इन-मोशन सिमुलेटर जल्द ही शुरू किया जाएगा। विद्युत लोको प्रशिक्षण केन्द्र को विश्व-स्तरीय प्रशिक्षण सुविधाओं से सुसज्जित करने के लिए कार्य प्रगति पर है। महाप्रबंधक तरुण प्रकाश के कुशल नेतृत्व में इस केन्द्र का निरंतर आधुनिकीकरण और क्षमता आवर्धन किया जा रहा है। उन्होंने रेल परिचालन में संरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए कर्मचारियों को आधुनिक तकनीक से प्रशिक्षित करने पर जोर दिया है। यह प्रशिक्षण केन्द्र रेल संचालन और प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है, और आगामी वर्षों में और भी अधिक नवाचारों की दिशा में कार्यरत है।

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *