गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। जिले की ग्राम पंचायतों पीपरडोल, सचराटोला, परासी, चंगेरी, धनौरा और चिचगोहना के ग्रामीणों ने रेत परिवहन में आ रही समस्याओं को लेकर कलेक्टर को एक आवेदन सौंपकर तत्काल व्यवस्था करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि रेत की अनुपलब्धता और अवैध वसूली के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य निर्माण कार्यों में देरी हो रही है।
आवेदन में बताया गया कि पूर्व में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा इन गांवों में वैध रेत खदान की सुविधा देने का आश्वासन मिला था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे रेत परिवहन में कई अड़चनें आ रही हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कुछ सामुदायिक समूहों ने समिति बनाकर रेत परिवहन में व्यवधान उत्पन्न किया है और पिछले तीन वर्षों से अवैध वसूली की जा रही है।
इससे आवास योजना के हितग्राहियों और अन्य ग्रामीणों को रेत प्राप्त करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आवेदन में प्रमुख हस्ताक्षरकर्ताओं में लाखन सिंह, राजेश बिर, बलझिरिया, शिव प्रसाद डिपार, सूरज, कंडेश्वर, विविनराय, मधुर, बंधनेश, रामपाल, खेल्लू, प्रताप सिंह, राकेश डेवर, राजेश धनुवार और किसान ट्रैक्टर संघ के सदस्य शामिल हैं। ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि खनन विभाग द्वारा अस्थायी रूप से वैध पर्ची की व्यवस्था की जाए, ताकि रेत परिवहन सरल, पारदर्शी और निर्बाध हो सके।
ग्रामीणों ने अपने आवेदन में उल्लेख किया कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा आवास योजना के तहत 15 मई 2025 तक आवास निर्माण पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित की गई है। साथ ही, नये आवासों की स्वीकृति भी सामने है। रेत की कमी के कारण निर्माण कार्यों में हो रही देरी को ग्रामीणों ने गंभीर समस्या बताया।
आवेदन के साथ छत्तीसगढ़ शासन के खनिज संसाधन विभाग, नवा रायपुर द्वारा जारी आदेश (क्रमांक 1777/393/2024/12) की प्रति भी संलग्न की गई है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर शीघ्र आदेश जारी करें, ताकि रेत परिवहन की प्रक्रिया सुगम हो और शासकीय योजनाओं का लाभ समय पर ग्रामीणों तक पहुंच सके।
ग्रामीणों का कहना: “हम चाहते हैं कि कलेक्टर महोदय इस समस्या का तुरंत समाधान करें। वैध पर्ची की व्यवस्था और अवैध वसूली पर रोक से ही हम अपने घर समय पर बना पाएंगे।”