बिलासपुर। गर्भवती पत्नी की हत्या कर उसे आत्महत्या का स्वरूप देने वाले आरोपी पति शिव प्रकाश शाह को सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने धारा 302, 201 और 316 के तहत सजा सुनाते हुए उसे क्रमशः आजीवन कारावास, 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 वर्ष का सश्रम कारावास तथा प्रत्येक धारा के अंतर्गत 1000 रुपए का जुर्माना भी लगाया।
यह घटना 17 अप्रैल 2022 की है, जब शिव प्रकाश शाह ने अपनी गर्भवती पत्नी के चरित्र पर शक करते हुए चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दी। उसने इसे आत्महत्या का रूप देने के लिए अस्पताल में डॉक्टरों और पुलिस को झूठी कहानी बताई। आरोपी ने कहा कि उसकी पत्नी ने झगड़े के दौरान आवेश में आकर खुद को चाकू मार लिया। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डॉक्टर की क्वेरी रिपोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया। डॉक्टरों ने मृतका के शरीर पर कुल 14 चोटों के निशान पाए, जिनमें से कुछ इतने गहरे थे कि मृतका स्वयं उन्हें नहीं पहुंचा सकती थी।
पुलिस ने इसे हत्या मानते हुए जांच की और आरोपी को हिरासत में लिया। पूछताछ में शिव प्रकाश शाह ने स्वीकार किया कि उसने अपनी पत्नी के चरित्र पर शक के कारण उसकी हत्या की थी। घटना के दौरान मृतका के पास केवल आरोपी और उसके बच्चे मौजूद थे। पड़ोसियों को सूचित किए बिना आरोपी ने पत्नी को अस्पताल पहुंचाया और आत्महत्या की कहानी गढ़ी। अदालत ने पुलिस की लास्ट सीन थ्योरी और डॉक्टर की रिपोर्ट को दोष सिद्धि का आधार मानते हुए आरोपी को सजा सुनाई।
अदालत ने माना कि पत्नी के गर्भ में पल रहे शिशु की हत्या भी गंभीर अपराध है। मामले की विवेचना तत्कालीन चौकी प्रभारी कृष्णा साहू ने की, जो वर्तमान में सरकंडा थाना में पदस्थ हैं। प्रकरण में लोक अभियोजक राजेंद्र साहू ने पैरवी की। यह मामला घरेलू हिंसा और शक के कारण परिवार पर पड़ने वाले घातक प्रभावों को उजागर करता है। न्यायालय ने सख्त सजा देकर समाज को संदेश दिया है कि ऐसे अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।