PM मोदी ने IMD के 150वें स्थापना दिवस पर ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत की

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय मौसम विभाग के 150वें स्थापना दिवस पर भारतीय मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने भारतीय मौसम विभाग की यात्रा को केवल मौसम विज्ञान तक सीमित न रखते हुए, इसे आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी की यात्रा भी बताया। पीएम मोदी ने बताया कि ढ्ढरूष्ठ ने न सिर्फ भारत में मौसम से जुड़ी जानकारी को आम नागरिकों तक पहुंचाया है, बल्कि यह भारत की वैज्ञानिक यात्रा का प्रतीक भी बन चुका है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम जिस दौर में हैं, वहां मौसम से जुड़ी सारी अपडेट वॉट्सएप पर मिल जाती हैं। उन्होंने भारतीय मौसम विभाग के विकास और उसकी चुनौतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की और बताया कि पिछले दस वर्षों में भारत में कई साइक्लोन आए हैं, लेकिन ढ्ढरूष्ठ की मदद से इन आपदाओं से होने वाली जनहानि को कम किया जा सका है। प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि पहले जब प्राकृतिक आपदाओं में हजारों जानें जाती थीं, तो उन्हें नियति मान लिया जाता था, लेकिन अब ढ्ढरूष्ठ की उन्नति और उसका विकास इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने ‘मिशन मौसम’ का उद्घाटन किया, जो भारत को जलवायु स्मार्ट राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन के तहत भारत की आपदा प्रबंधन क्षमता को और भी बेहतर किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि ढ्ढरूष्ठ की वैज्ञानिक उन्नति ने न केवल भारत की बल्कि अन्य देशों की भी मदद की है, उदाहरण के तौर पर नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका को आईएमडी से सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आईएमडी की 4 खासियतें भी बताईं आईएमडी के जरिए अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के माध्यम से देश की 90त्न आबादी तक मौसम से संबंधित जानकारी पहुंचाई जाती है। मौसम से जुड़ी भविष्यवाणियां सीधे व्हॉट्सएप पर मिलती हैं।
पिछले 10 वर्षों में किसानों और मछुआरों को मौसम से जुड़ी जानकारी देने वाली संख्या में भारी वृद्धि हुई है। अब 50त्न से अधिक किसानों और पशुपालकों को मौसम की जानकारी मिल रही है। मछुआरों को समुद्र में जाते समय रियल टाइम मौसम अपडेट मिल रहे हैं, जिससे उनके परिवारों को चिंता नहीं होती। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भारत को एक मौसम के प्रति तैयार और जलवायु के प्रति स्मार्ट राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ ‘मिशन मौसम’ का शुभारंभ किया। साथ ही, ढ्ढरूष्ठ द्वारा जारी किए गए ‘विजन-2047’ दस्तावेज को प्रस्तुत किया, जिसमें मौसम पूर्वानुमान, जलवायु परिवर्तन शमन और आपदा प्रबंधन योजनाओं का खाका तैयार किया गया है। इस समारोह को यादगार बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने 150 रुपये का विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया।

यह कार्यक्रम न केवल भारतीय मौसम विभाग के 150 सालों की सफलता का जश्न था, बल्कि भारत की मौसम पूर्वानुमान प्रणाली के भविष्य को लेकर एक नई दिशा भी प्रदान करता है।

 

 

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