गौरेला-पेंड्रा-मरवाही । लवकेश सिंह दीक्षित।छत्तीसगढ़ के परासी गांव में ग्राम सेवक और वरिष्ठ कृषि अधिकारियों की मनमानी से किसान परेशान हैं। चना, गेहूं, मसूर और सरसों की बीज-खाद योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा। ग्राम सेवक जानकारी छिपाते हैं और किसानों को मरवाही भेजते हैं, जबकि वरिष्ठ अधिकारी चुप्पी साधे हैं।
किसानों का गुस्सा
ग्राम सेवक की मनमानी स्थानीय किसान ने बताया, “ग्राम सेवक से बीज योजनाओं के बारे में पूछो, तो कहते हैं मरवाही जाओ। हमारा समय और मेहनत बर्बाद होती है।” किसानों का आरोप है कि ग्राम सेवक जानकारी छिपाकर चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाते हैं
वरिष्ठ अधिकारियों पर मिलीभगत का शक
किसानों का कहना है कि योजनाओं का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। सरकार बीज और उर्वरक भेजती है, लेकिन यह किसानों तक नहीं पहुंचता। वरिष्ठ कृषि अधिकारियों की चुप्पी से मिलीभगत का शक गहराता है।
योजनाओं से वंचित किसान
परासी के करीब 200 किसान बीज ग्राम योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और फसल बीमा योजना से वंचित हैं। सब्सिडी पर बीज, उर्वरक और सिंचाई सुविधाएं नहीं मिल रही, जिससे उनकी खेती प्रभावित हो रही है।
प्रशासन से जांच की मांग
किसानों ने जिला प्रशासन से ग्राम सेवक और अधिकारियों की मनमानी की जांच की मांग की है। वे चाहते हैं कि योजनाएं पारदर्शी ढंग से बांटी जाएं और ग्राम पंचायत स्तर पर शिकायत निवारण तंत्र बने।
जिला प्रशासन को तुरंत जांच समिति बनानी चाहिए और परासी में शिविर लगाकर योजनाओं का लाभ वितरित करना चाहिए।