Gpm धान खरीदी केंद्र में मजदूरों की मेहनत की कमाई अटकी, भूखे सोने को मजबूर

समिति प्रबंधन की लापरवाही से मजदूरों को नहीं मिला मेहनताना

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। लवकेश सिंह दीक्षित। परासी धान खरीदी केंद्र में मजदूरी करने वाले श्रमिकों को अब तक 5.27 लाख रुपये का भुगतान नहीं मिला है, जिससे वे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि उन्होंने 10 रुपये प्रति क्विंटल के अनुबंध पर काम किया था, लेकिन मेहनताने की पूरी राशि उनके खाते में नहीं आई है। इस समस्या को लेकर उन्होंने जिला कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी को शिकायत पत्र सौंपा है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।धान खरीदी केंद्र में भुगतान नहीं होने के कारण शिकायत

धान खरीदी के बाद भी मजदूरी अटकी

मजदूरों के अनुसार, वर्ष 2024-25 में परासी धान खरीदी केंद्र में 64079 क्विंटल 60 किलोग्राम धान की खरीदी हुई। इसके बावजूद, उन्हें मात्र 1,84,050 रुपये का ही भुगतान किया गया, जबकि उनका कुल मेहनताना 5.27 लाख रुपये के करीब बनता है। मजदूरों का दावा है कि उन्होंने हर सप्ताह खरीदी प्रभारी को तैयार मजदूरी विवरण पर छह बार हस्ताक्षर करके सौंपा, लेकिन फिर भी भुगतान नहीं हुआ।

धान खरीदी प्रभारी ने मजदूरों को बताया कि भुगतान समिति मुख्यालय सिवनी से होगा। इसके बाद मजदूरों ने समिति प्रबंधक अजीर्जु रहमान से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने भी आश्वासन देकर भुगतान को टाल दिया। अब खरीदी खत्म हुए 15 दिन से अधिक हो गए हैं, फिर भी मजदूरी की रकम नहीं मिली है।

समिति प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

मजदूरों का आरोप है कि धान खरीदी केंद्र के मनोनीत अध्यक्ष और समिति प्रबंधक मजदूरी भुगतान को लेकर लगातार टालमटोल कर रहे हैं। कई बार यह कहकर लौटा दिया गया कि भुगतान प्रक्रिया में देरी हो रही है। अब हालात यह हैं कि मजदूरों को अपने घर चलाने में दिक्कत आ रही है और वे भूखे सोने को मजबूर हैं।

प्रशासन से जल्द भुगतान की मांग

मजदूरों ने प्रशासन से शीघ्र हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि बिना भुगतान के उनके घरों में खाद्य सामग्री की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने आग्रह किया है कि उनकी मेहनत की कमाई जल्द से जल्द उनके खातों में जमा कराई जाए, ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।

अब देखना यह होगा कि प्रशासन मजदूरों की इस गंभीर समस्या पर कब तक संज्ञान लेता है और उनका बकाया भुगतान कब तक होता है।

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