भुवनेश्वर । भारतीय पुरुष हॉकी टीम, जो पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकी है, अपनी जीत की लय को बनाए रखने के लिए इंग्लैंड के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग मैच में सोमवार को उतरेगी। आयरलैंड के खिलाफ लगातार दो जीत के बाद भारतीय टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है और अब वह अपने से उच्च रैंकिंग वाली इंग्लैंड टीम को चुनौती देने के लिए तैयार है।
नई सत्र की शुरुआत भारतीय टीम के लिए उम्मीद के मुताबिक नहीं रही, क्योंकि उसे स्पेन और जर्मनी के खिलाफ मिश्रित परिणाम मिले थे। हालांकि, टीम ने स्पेन को रिटर्न मैच में 2-0 से हराया, वहीं जर्मनी से 4-1 की हार का सामना करना पड़ा। पेनल्टी कॉर्नर भारत के लिए एक कमजोर कड़ी बनकर उभरा है। लेकिन, कप्तान हरमनप्रीत सिंह की वापसी से टीम ने वापसी की और जर्मनी के खिलाफ दूसरा मैच 1-0 से जीत लिया।
भारत ने आयरलैंड पर दोनों मैचों में जीत दर्ज की, जिससे टीम का मनोबल ऊंचा है। पिछले मैचों में मनदीप सिंह, जरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, नीलम सेस, अभिषेक और शमशेर ने शानदार गोल किए थे। दूसरी ओर, इंग्लैंड ने स्पेन के खिलाफ 4-1 से हारने के बाद शूटआउट में जीत दर्ज की और अब वह भारतीय टीम के खिलाफ जीत की राह पर लौटने को बेताब है।
इंग्लैंड की उम्मीदों का दारोमदार अनुभवी सैम वार्ड पर है, जिन्होंने इस सत्र में नौ गोल किए हैं और गोल स्कोरिंग की सूची में दूसरे स्थान पर हैं। हालांकि, भारत की मजबूत रक्षापंक्ति को भेदना इंग्लैंड के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि भारत ने अब तक सिर्फ आठ गोल गंवाए हैं, जो कि नौ टीमों में सबसे कम है।
भारतीय टीम इस मैच में इंग्लैंड को हराकर अपने घरेलू चरण को शानदार तरीके से समाप्त करना चाहती है।