संस्कारों की मिसाल! सरस्वती शिशु मंदिर में बच्चों ने माता-पिता का किया पूजन

बिलासपुर। सरस्वती शिशु मंदिर, तिलक नगर में मातृ-पितृ पूजन दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों ने अपने माता-पिता के चरण स्पर्श कर आरती उतारी और भावनात्मक रूप से उन्हें सम्मानित किया। इस आयोजन ने अभिभावकों को गहराई से प्रभावित किया और संस्कारों की महत्ता को उजागर किया।

भव्य आयोजन में अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस विशेष आयोजन में मुख्य अतिथि डॉ. नील माधव गभेल एवं मुख्य वक्ता सौ. विद्या गोवर्धन उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिक मंच के संयोजक श्री शैलेश गोवर्धन, व्यवस्थापक डॉ. भुवन सिंह राज, सह व्यवस्थापक बैजनाथ राय, प्राचार्य श्री राकेश पांडेय, पूर्व प्राचार्य श्री लक्ष्मीकांत मजूमदार, शिक्षकों, अभिभावकों एवं छात्रों की उपस्थिति रही।

संस्कार और अनुशासन पर जोर

मुख्य वक्ता सौ. विद्या गोवर्धन ने अपने उद्बोधन में माता-पिता की आज्ञा पालन करने और यातायात नियमों के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों के पहले गुरु होते हैं और उनका सम्मान करना हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।

अभिभावकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया

कार्यक्रम में भाग लेने वाले अभिभावकों ने इसे एक अनूठी पहल बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजन हर स्कूल में होने चाहिए ताकि बच्चों में नैतिक और पारिवारिक मूल्यों का विकास हो। उन्होंने विद्यालय प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि इस आयोजन से बच्चों को माता-पिता की भूमिका को समझने का अवसर मिला।

विद्यालय प्रशासन की पहल

कार्यक्रम का संचालन अनुपमा दुबे एवं वृंदा चिंचालकर ने किया, जबकि प्रधानाचार्य शिवराम चौधरी ने अतिथियों का स्वागत किया। राकेश साहू ने धन्यवाद ज्ञापित किया। विद्यालय प्रशासन ने इस तरह के आयोजनों को आगे भी जारी रखने का संकल्प लिया ताकि विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों की भावना और प्रबल हो सके।

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